पुतिन: रूस-यूक्रेन शांति वार्ता के लिए चीन, भारत और ब्राजील बन सकते हैं मध्यस्थ

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 पुतिन: रूस-यूक्रेन शांति वार्ता के लिए चीन, भारत और ब्राजील बन सकते हैं मध्यस्थ

पुतिन: रूस-यूक्रेन शांति वार्ता के लिए चीन, भारत और ब्राजील बन सकते हैं मध्यस्थ

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में एक बयान में कहा कि चीन, भारत और ब्राजील रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। यह टिप्पणी पुतिन ने वैश्विक मंच पर इन तीन देशों के बढ़ते प्रभाव और उनकी तटस्थ स्थिति को ध्यान में रखते हुए की। उन्होंने कहा कि इन देशों के पास कूटनीतिक क्षमता और विश्वसनीयता है, जो उन्हें इस संवेदनशील मामले में मध्यस्थता के लिए उपयुक्त बनाती है।


संभावित मध्यस्थता की वजह

पुतिन का मानना है कि ये देश न केवल वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहे हैं, बल्कि वे रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मजबूत आर्थिक और राजनीतिक संबंध बनाए हुए हैं। चीन और भारत ने पहले भी दोनों देशों के साथ वार्ता में शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है। ब्राजील, जो लैटिन अमेरिका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ने भी यूक्रेन संकट के बारे में संयमित दृष्टिकोण अपनाया है।


रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति

यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष 2022 से जारी है, और दोनों पक्षों के बीच वार्ता अब तक कोई निर्णायक परिणाम नहीं दे सकी है। पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और समर्थन ने वार्ता प्रक्रिया को और कठिन बना दिया है, जिससे गैर-पश्चिमी शक्तियों की भूमिका अहम हो जाती है।

चीन, भारत, और ब्राजील की संभावित भूमिका

चीन ने पहले भी संघर्ष के समाधान के लिए 12 सूत्रीय शांति योजना प्रस्तुत की थी, जबकि भारत ने लगातार बातचीत के माध्यम से संकट को सुलझाने की अपील की है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने भी यूक्रेन के साथ शांतिपूर्ण संवाद के लिए समर्थन व्यक्त किया है। इन देशों का संभावित उद्देश्य संघर्ष को समाप्त करना और वैश्विक स्थिरता को बनाए रखना होगा।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पुतिन के इस बयान पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रिया आई है। पश्चिमी देशों ने इस प्रस्ताव पर सतर्क प्रतिक्रिया दी है, क्योंकि वे अभी भी रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं। हालांकि, कुछ देशों ने इस पहल का स्वागत किया है, खासकर उन देशों ने जो संघर्ष के राजनीतिक समाधान को प्राथमिकता देते हैं।

यह देखना बाकी है कि ये देश कैसे इस प्रस्ताव को लागू करते हैं और क्या यह वास्तव में रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। 

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यह समाचार रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता में नए मोड़ की संभावना को दर्शाता है, और वैश्विक शक्ति संरचना में इन तीन देशों की भूमिका को और मजबूत कर सकता है।

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