नई दिल्ली, 6 मई 2025: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को और पुख्ता करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई 2025 को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य युद्ध या आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित रखने और उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देना है। आइए जानते हैं, यह मॉक ड्रिल किन-किन जगहों पर होगी और इसके पीछे का मकसद क्या है।
मॉक ड्रिल का मकसद
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान द्वारा लगातार सीजफायर उल्लंघन और नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी की घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि यह मॉक ड्रिल नागरिकों को हवाई हमले, ब्लैकआउट, और अन्य आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करने के लिए जरूरी है। इस अभ्यास में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा:
एयर रेड सायरन की टेस्टिंग: हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों को टेस्ट किया जाएगा। ये सायरन 120-140 डेसिबल की तीव्रता के साथ 2 से 5 किलोमीटर तक सुनाई देंगे।
नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण: नागरिकों और छात्रों को हमले की स्थिति में सुरक्षित रहने की तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
क्रैश ब्लैकआउट: दुश्मन की हवाई निगरानी से बचने के लिए शहरों और महत्वपूर्ण ढांचों को छिपाने के लिए ब्लैकआउट की व्यवस्था की जाएगी।
निकासी योजना: लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना का अभ्यास किया जाएगा।
महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा: ऊर्जा और सैन्य ढांचों को सुरक्षित करने पर जोर दिया जाएगा।
यह मॉक ड्रिल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजित की जा रही है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
कहां-कहां होगी मॉक ड्रिल?
गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, यह मॉक ड्रिल देश भर के 244 चिह्नित सिविल डिफेंस जिलों में आयोजित की जाएगी। इनमें खास तौर पर भारत-पाक सीमा से सटे राज्य जैसे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, और गुजरात के रणनीतिक रूप से संवेदनशील जिले शामिल हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और अन्य राज्यों के कुछ संवेदनशील शहरों और कस्बों को भी सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट घोषित किया गया है।
प्रमुख राज्यों और जिलों की सूची:
जम्मू-कश्मीर: कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी, अखनूर, और जम्मू।
पंजाब: अमृतसर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, पठानकोट, और तरनतारन।
राजस्थान: बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, और श्रीगंगानगर।
गुजरात: कच्छ, पाटन, बनासकांठा, और जामनगर।
उत्तर प्रदेश: लखनऊ, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, और वाराणसी।
हरियाणा: अंबाला, हिसार, सिरसा, और फतेहाबाद।
इनके अलावा, अन्य राज्यों में भी सिविल डिफेंस के लिए चिह्नित जिलों में यह ड्रिल होगी। सायरन प्रशासनिक कार्यालयों, फायर स्टेशनों, पुलिस मुख्यालयों, बाजारों, और सैन्य ठिकानों पर लगाए जाएंगे।
मॉक ड्रिल में क्या होगा?
7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल में कई गतिविधियां शामिल होंगी, जो नागरिकों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करेंगी। कुछ प्रमुख गतिविधियां इस प्रकार हैं:
सायरन टेस्टिंग: सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक विभिन्न स्थानों पर हवाई हमले की चेतावनी वाले सायरन बजाए जाएंगे। नागरिकों से अपील की गई है कि वे सायरन सुनते ही शांत रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
नागरिक प्रशिक्षण: स्कूलों, कॉलेजों, और सामुदायिक केंद्रों में नागरिकों को सुरक्षित आश्रय लेने, प्राथमिक चिकित्सा, और आपातकालीन निकासी की ट्रेनिंग दी जाएगी।
ब्लैकआउट रिहर्सल: कुछ क्षेत्रों में 30 मिनट के लिए बिजली काटकर ब्लैकआउट का अभ्यास किया जाएगा, जैसा कि पंजाब के फिरोजपुर में हाल ही में किया गया था।
निकासी ड्रिल: लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया का अभ्यास होगा। इसके लिए होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की मदद ली जाएगी।
नागरिकों के लिए सलाह
गृह मंत्रालय ने नागरिकों से इस मॉक ड्रिल में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है। कुछ महत्वपूर्ण सुझाव इस प्रकार हैं:
शांत रहें: सायरन सुनकर घबराएं नहीं। यह केवल एक अभ्यास है।
निर्देशों का पालन करें: टीवी, रेडियो, या सरकारी ऐप्स से अपडेट लेते रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
बच्चों को समझाएं: बच्चों को पहले से ड्रिल के बारे में बताएं ताकि वे डरें नहीं।
अफवाहों से बचें: केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें और सोशल मीडिया पर अपुष्ट खबरों पर ध्यान न दें।
निकासी योजना तैयार करें: अपने परिवार के साथ निकासी मार्ग और सुरक्षित स्थान की जानकारी पहले से रखें।
क्यों जरूरी है यह मॉक ड्रिल?
पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। सिंधु जल समझौते को निलंबित करने, पाकिस्तान से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध, और भारतीय बंदरगाहों पर पाकिस्तानी जहाजों की एंट्री रोकने जैसे कदम उठाए गए हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने अब्दाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया और कराची व लाहौर में आंशिक रूप से हवाई क्षेत्र बंद किया है। इन घटनाओं ने युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है।
ऐसे में, यह मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा एजेंसियों बल्कि आम नागरिकों की मानसिक और शारीरिक तैयारी के लिए भी जरूरी है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह अभ्यास यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी आपात स्थिति में हमारा प्रशासन और नागरिक पूरी तरह तैयार हों।"
निष्कर्ष
7 मई 2025 को देश भर के 244 जिलों में होने वाली सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल भारत की सुरक्षा तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल नागरिकों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करेगी, बल्कि पाकिस्तान को यह संदेश भी देगी कि भारत हर मोर्चे पर तैयार है। अपने जिले में मॉक ड्रिल की जानकारी के लिए स्थानीय प्रशासन या गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर नजर रखें।