गढ़ गणेश मंदिर, जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित गढ़ गणेश मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। इस प्राचीन मंदिर में भगवान गणेश की अनोखी मूर्ति स्थापित है, जिसमें वे बिना सूंड के बाल रूप में दिखाई देते हैं। यह मंदिर अरावली पहाड़ियों पर स्थित है और लगभग 290 वर्ष पुराना बताया जाता है।
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मंदिर की स्थापना सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी, जो जयपुर के संस्थापक थे। कहा जाता है कि जयपुर शहर की स्थापना से पहले सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ आयोजित किया था, और उसके बाद गढ़ गणेश मंदिर की स्थापना की। यह मंदिर खास तांत्रिक विधि से स्थापित किया गया था, और इसकी मूर्ति को उत्तर दिशा की ओर रखा गया ताकि भगवान गणेश की दृष्टि पूरे जयपुर पर बनी रहे और उनका आशीर्वाद सदा शहरवासियों पर बना रहे।
गढ़ गणेश मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 365 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, जो साल के दिनों की संख्या के अनुसार बनाई गई हैं। मंदिर के रास्ते में एक शिव मंदिर भी आता है, जिसमें पूरा शिव परिवार विराजमान है। मंदिर परिसर में पत्थर के बने दो मूषक भी स्थापित हैं, जिनके कानों में भक्त अपनी इच्छाएं बताते हैं, और मान्यता है कि ये मूषक भगवान गणेश तक उनकी इच्छाएं पहुंचाते हैं।
मंदिर में आने वाले भक्त भगवान गणेश को चिट्ठी लिखकर अपनी मनोकामनाएं बताते हैं और फिर सात बुधवार तक नियमित रूप से दर्शन करते हैं, जिससे उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं।
गढ़ गणेश मंदिर का निर्माण इस प्रकार किया गया था कि जयपुर के सिटी पैलेस के उस हिस्से से मंदिर का दृश्य स्पष्ट दिखाई दे, जहां राजपरिवार रहता था। सुबह उठते ही महाराज और महारानी सबसे पहले इस मंदिर के दर्शन करते थे। आज भी यह मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां गणेश चतुर्थी के दूसरे दिन विशेष मेला लगता है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
विशेष जानकारी:
1. इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति का फोटो खींचना वर्जित है।
2. मंदिर में स्थित मूषकों के कानों में अपनी मनोकामनाएं जरूर कहें, जिससे आपकी बात गणपति तक जल्दी पहुंच सके।
3. गणेश चतुर्थी के दूसरे दिन मंदिर में बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
धार्मिक महत्व:
गढ़ गणेश मंदिर न केवल जयपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, बल्कि यह इतिहास और परंपरा से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। बिना सूंड वाले भगवान गणेश की मूर्ति और मंदिर की अनूठी स्थापत्य कला इसे विशेष बनाती है। हर साल यहां आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ती जाती है, और उनका विश्वास है कि गढ़ गणेश उनके जीवन से सभी विघ्नों को हर लेंगे और उन्हें सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करेंगे।