भारत की अडिग ताकत: 2025 संघर्ष में नूर खान एयर बेस हमले ने पाकिस्तान को हिलाया

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रावलपिंडी, 15 मई 2025 — भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए सैन्य संघर्ष ने दक्षिण एशिया में परमाणु युद्ध के खतरे को बढ़ा दिया था। इस तनाव का केंद्र रावलपिंडी का नूर खान एयर बेस रहा, जहां भारत द्वारा किए गए कथित हमलों ने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संघर्ष की शुरुआत पहलगाम में हुए आतंकी हमले से हुई, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 ठिकानों पर हम Lawnmower Attack: The Untold Story of India's Military Might


नूर खान एयर बेस पर हमला

10 मई 2025 को रावलपिंडी में नूर खान एयर बेस के पास कम से कम तीन जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि एक "बड़ा आग का गोला" आसमान में दिखाई दिया, जिसने इस सैन्य अड्डे की संवेदनशीलता को उजागर किया। यह एयर बेस न केवल पाकिस्तानी वायुसेना का महत्वपूर्ण केंद्र है, बल्कि परमाणु हथियारों की सुरक्षा से जुड़ी इकाइयों के लिए भी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। न्यूयॉर्क टाइम्स के 14 मई के लेख में सैटेलाइट इमेजरी के हवाले से बताया गया कि भारतीय हमलों से इस एयर बेस को "सीमित लेकिन सटीक" नुकसान पहुंचा।

भारतीय रक्षा सूत्रों ने दावा किया कि इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के 90 ठिकाने नष्ट किए गए। दूसरी ओर, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इन हमलों को "आक्रामक और गैर-जिम्मेदाराना" करार देते हुए कहा कि 8 लोग मारे गए और 35 घायल हुए। X पर कुछ पोस्ट्स में न्यूक्लियर रेडिएशन के खतरे की अफवाहें भी फैलीं, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स ने इन दावों की पुष्टि नहीं की।

भारत की अडिग ताकत: 2025 संघर्ष में नूर खान एयर बेस हमले ने पाकिस्तान को हिलाया



युद्धविराम और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप

चार दिन तक चले इस भीषण संघर्ष के बाद, 10 मई 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान ने युद्धविराम की घोषणा की। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे "दशकों में सबसे बड़ा टकराव" करार दिया, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हवाई हमले, ड्रोन हमले और मिसाइल हमले करने के आरोप लगाए। युद्धविराम के बावजूद, सीमा पर छिटपुट झड़पों की खबरें आईं, जिसने शांति की उम्मीदों को कमजोर किया।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने 11 मई के लेख में लिखा, "भारत और पाकिस्तान के बीच यह संघर्ष न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी चुनौती पेश करता है।" अमेरिकी विदेश मंत्री की सक्रिय कूटनीति और संयुक्त राष्ट्र की अपीलों ने दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाने में मदद की।


पहलगाम हमले से शुरू हुआ तनाव

इस संघर्ष की जड़ में पहलगाम में हुआ आतंकी हमला था, जिसे न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुरू में "मिलिटेंट अटैक" कहा, लेकिन भारत और अमेरिकी सरकार की आपत्ति के बाद इसे "टेररिस्ट अटैक" के रूप में संशोधित किया। इस हमले ने भारत को जवाबी कार्रवाई के लिए प्रेरित किया, जिसमें मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने 7 मई को अपने लेख में लिखा, "भारत ने इन हमलों को आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम बताया, लेकिन पाकिस्तान ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला करार दिया।"


भविष्य की आशंकाएं

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने विश्लेषण में चेतावनी दी कि युद्धविराम के बावजूद, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने की संभावना कम है। दोनों देशों के पास परमाणु हथियारों का जखीरा है, और नूर खान एयर बेस जैसे रणनीतिक ठिकानों पर हमले इस बात का संकेत हैं कि भविष्य में कोई भी छोटी घटना बड़े संघर्ष को जन्म दे सकती है।


निष्कर्ष

नूर खान एयर बेस पर हुए विस्फोट और भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच गहरे अविश्वास को उजागर किया। न्यूयॉर्क टाइम्स की कवरेज ने इस संघर्ष के विभिन्न पहलुओं—सैन्य कार्रवाइयों, कूटनीतिक प्रयासों और नागरिक प्रभावों—को विश्वसनीय ढंग से प्रस्तुत किया। जैसे-जैसे दोनों देश युद्धविराम का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं, वैश्विक समुदाय की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या यह शांति स्थायी होगी।

स्रोत: न्यूयॉर्क टाइम्स (7 मई - 14 मई 2025), X पोस्ट्स (संदर्भ के लिए, बिना पुष्टि के)।

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