"हैदराबाद लोकसभा सीट पर सियासी उथल-पुथल: ओवैसी परिवार का नामांकन विवाद"

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 "हैदराबाद लोकसभा सीट पर सियासी उथल-पुथल: ओवैसी परिवार का नामांकन विवाद"

"हैदराबाद लोकसभा सीट पर सियासी उथल-पुथल: ओवैसी परिवार का नामांकन विवाद"


हैदराबाद लोकसभा सीट पर चुनावी महामारी के बीच,AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी के उम्मीदवार माधवीलता के बीच तेज चर्चा का विषय बन गया है। हैदराबाद की यह सीट वैसे तो AIMIM चीफ असउदुद्दीन ओवैसी का गढ़ मानी जाती है, और इस बार के चुनाव में उनका मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार माधवीलता के साथ होने वाला है।

हैरानी का मामला तब सामने आया, जब असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरउद्दीन ने अपने ही बड़े भाई की सीट से नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन दाखिल करते ही सियासी हलचल तेज हो गई और दोनों भाइयों के बीच मतभेद की खबरें तक सामने आने लगी।

अकबरुद्दीन ओवैसी के नामांकन भरने का मकसद चुनाव लड़ना नहीं था, बल्कि वो अपने भाई असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ने नहीं जा रहे थे। AIMIM ने अकबरुद्दीन को असदुद्दीन ओवैसी के बैकअप या कहे वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर उतारा है। ऐसे में, अगर किसी भी तरह असदुद्दीन ओवैसी का नामांकन खारिज हो जाता है, तो पार्टी की तरफ से अकबरुद्दीन ओवैसी मैदान में रहेंगे। आपको बता दे असदुद्दीन ओवैसी लगातार चार बार सांसद चुने गए हैं और वो इस बार पांच से जीत हासिल करने के लिए मैदान में उतर रहे हैं। उनका मुकाबला बीजेपी की माधवीलता के साथ होगा।

आपको बताते चलें AIMIM पार्टी ने ऐसा इस लिए किया क्योकी कि सुरत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुंभानी कर नामांकन रद्द कर दिया गया है उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के सत्यापन में कुछ गड़बड़ी जिसके बाद बीजेपी उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया गया था ऐसे में उनके साथ ऐसा कुछ न हो इसके लिए अकबरुद्दीन ओवैसी ने वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भर दिया है आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी लगातार चार बार सांसद चुने गए हैं और वो इस बार पांच से जीत हासिल करने के लिए मैदान में उतर रहे हैं जहाँ उनका मुकाबला बीजेपी की माधवीलता के साथ होगा। 


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